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एस्ट्राडियोल Estradiol टेस्ट किसलिए कराते हैं

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एस्ट्राडियोल क्या है ?

एस्ट्राडियोल, ईस्ट्रोजन हॉरमोन का एक प्रकार है जो महिलाओं के ओवरी, ब्रेस्ट और एड्रीनल ग्लैंड द्वारा बनाया जाता है Pregnancy के समय Fallopian tubes द्वारा भी एस्ट्राडियोल बनाया जाता है , एस्ट्रैडियोल पुरुषों में adrenal glands और वृषण testes द्वारा थोड़ी मात्रा में निर्मित होता है। यह महिलाओं के जननांगों जैसे गर्भाशय ग्रीवा  Cervix, गर्भाशय नाल (Fallopian tubes), Breast और योनि vagina को develop करने और उनकी growth में मदद करता है। एस्ट्राडियोल महिलाओं के शरीर में वसा Fat के वितरण के तरीके को भी निर्धारित करने में सहायक है।

एस्ट्राडियोल टेस्ट किसलिए किया जाता है?

एस्ट्राडियोल टेस्ट को करवाने की सलाह तब दी जाती है जब महिला और पुरुषों में जननांग genitals और उनसे जुड़े लक्षण ठीक प्रकार से विकसित नहीं हो पाते हैं। डॉक्टर द्वारा निम्न की जांच करने के लिए भी यह टेस्ट करवाया जा सकता है:

  • असामान्य रूप से मासिक धर्म होना irregular periods
  • असामान्य रूप से योनि से रक्त स्त्राव Abnormal bleeding
  • महिलाओं मेंबांझपन
  • Early menopause
  • जल्दी या देर से युवावस्था के लक्षण देखने के लिए।
  • Fertility treatments की प्रतिक्रिया को मापने के लिए।
  • ओवेरियन ट्यूमर की जांच करने के लिए।
  • गाइनेकोमास्टिया (पुरुषों में स्तन का विकास)

 

 

E2 टेस्ट कैसे किया जाता है और आपको कैसे तैयारी करनी चाहिए?

एस्ट्रैडियोल का स्तर पूरे महीने बदलता रहता है, इसलिए आपके मासिक धर्म चक्र के 3 दिन पर इस टेस्ट को करने की सलाह दी जाती है। यह एक सरल ब्लड टेस्ट है अगर आप कुछ medicine, स्टेरॉयड, एस्ट्रोजन थेरेपी, गर्भनिरोधिक गोलियाँ, एम्पीसिलीन और टेट्रासाइक्लिन जैसे कुछ एंटीबायोटिक्स आदि ले रहे हैं तो इनका सेवन रोकने की सलाह डॉक्टर दे सकते हैं।

एस्ट्राडियोल टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज

  • पुरुष :10 से 50 पिकोग्राम प्रति मिलीलीटर (pg/mL)
  • महिला (रजोनिवृत्ति से पहले): 30 से 400 pg/mL
  • महिला (रजोनिवृत्ति के बाद): 0 से 30 pg/mL

 

लैब के अनुसार सामान्य वैल्यू अलग हो सकती है। हालांकि रिजल्ट का मतलब ठीक से पता करने के लिए डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए।

एस्ट्राडियोल टेस्ट रिजल्ट क्या दर्शाता है?

अगर महिलाओं में एस्ट्रैडियोल असामान्य और उच्च स्तर पाया जाता है तो इससे पता चलता है कि उनकी अंडाशय से अंडाणु पैदा करने की क्षमता प्रभावित है। यदि आपके FSH टेस्ट रिजल्ट नार्मल हैं लेकिन फिर नही आप गर्भ धारण करने में असमर्थ हैं, तो अधिक एस्ट्राडियोल का अर्थ यह भी हो सकता है कि एस्ट्राडियोल, FSH को दबा रहा है। इन दोनों मुश्किलों के चलते आपके लिए स्वाभाविक रूप से गर्भ धारण करना मुश्किल हो सकता है। कुछ मामलों में, एस्ट्रैडियोल का उच्च स्तर हाइपरथायरायडिज्म या ओवेरियन ट्यूमर की ओर इशारा करता है।

 

कम एस्ट्राडियोल स्तर पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज), समय से पहले ओवेरियन क्षमता कम होना या पिट्यूटरी ग्लैंड में खराबी दर्शाता है। इन स्थितियों में Pregnancy carry करना मुश्किल हो सकता है। महिलाओं में रजोनिवृत्ति menopause तक पहुंचने पर एस्ट्राडियोल का स्तर स्वाभाविक रूप से कम हो जाता है।

 

कम एस्ट्राडियोल स्तर और आपकी गर्भावस्था की संभावना

एस्ट्राडियोल टेस्ट में एस्ट्राडियोल हार्मोन का कम आना, ओवेरियन अपर्याप्तता की ओर इशारा करता है, जिसे समय से पहले ओवेरियन विफलता भी कहा जाता है, जिससे महिलाओं को गर्भवती होने में मुश्किल होती है। समय से पहले ओवेरियन फेलियर एक ऐसी मेडिकल कंडिशन है जिसमें अंडाशय काम करना बंद कर देते हैं और अंडाणु जारी करने में असमर्थ होते हैं।

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