16,686 total views
Post Tag-Gout,uric acid,gout diet,gout treatment,gout symptoms,what causes gout,what is gout,uric acid treatment,what is uric acid,uric acid diet,uric acid level,uric acid symptoms,foods that cause gout,uric acid pain,normal uric acid level.
गाउट (गठिया) क्या है ? What is Gout?
- गाउट (गठिया) क्या है ? What is Gout?
- गाउट के लक्षण क्या हैं ? What are Symptoms of Gout?
- गाउट (Gout) का कारण क्या है?What is the cause of gout?
- गाउट में क्या-क्या जाँच-परीक्षण उपयोगी साबित होते हैं ?Diagnosis of Uric Acid?
- गाउट (गठिया) किस उम्र का रोग है?Which age group affected by gout?
- क्या गाउट आनुवंशिक रोग है?Is Gout a genetic disease?
- गाउट किन लोगों को अधिक होता है?Which people have more Effected by gout?
- यूरिक एसिड की रक्त में सामान्य सीमा क्या है ? What is Normal Uric Acid level?
- क्या यूरिक एसिड बड़ा होना गाउट है?Does high uric Acid level is Gout?
- गाउट का इलाज क्या है ? Treatment of Gout?
- यूरिक एसिड को कम करने के लिए दवाएं?Medicine for Reduce Uric Acid?
- खाने के पदार्थ जो यूरिक एसिड बढ़ाते हैं?Foods that increase uric acid?
- जीवन-शैली में क्या-क्या सुधार लाने की जरूरत होती है ?What needs to be improved in the lifestyle?
गाउट (गठिया) चयापचयन (मेटाबॉलिज्म) का रोग है, जिसमें शरीर में यरिक एसिड बढ़ जाता है।
इस वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं। कुछ यूरिक एसिड हमें अपने भोजन से मिलता है।
खान–पान की कुछ खास–खास चीजों में प्यूरेन होता है जिसके टूटने से यूरिक एसिड बनता है।
लेकिन दो–तिहाई से अधिक यूरिक एसिड शरीर में प्राकृतिक रूप से बनता है। शरीर की अपनी कोशिकाओं की नियमित टूट–फूट से और अमोनिया से यह सदा निर्मित होता रहता है।
सामान्य रूप से शरीर इसे नियंत्रण में बाँधे रहता है। जितना यूरिक एसिड अतिरिक्त होता है, गुर्दे उसे मूत्र के रास्ते शरीर से बाहर फेंक देते हैं।
लेकिन कुछ लोगों में यह संतुलन बिगड़ जाता है, या तो गुर्दे यूरिक एसिड की सफाई नहीं कर पाते या शरीर उसे अधिक मात्रा में बनाने लगता है। दोनों में से कोई एक दोष हो तो खान–पान की चीजों में ग्रहण की गई प्यूरेन की मात्रा भी महत्त्वपूर्ण हो जाती है।
बढ़ा हुआ यूरिक एसिड ही गाउट पैदा करता है। जबकि हर किसी में यह वृद्धि गाउट के लक्षण उत्पन्न नहीं करती, लेकिन जैसे ही परिस्थितियाँ ऐसी बनती हैं तो यूरिक एसिड खून में अघुलनशील हो जाता है, उसके क्रिस्टल किसी जोड़ में जाकर जम जाते हैं जिससे जोड़ सूज जाता है।
लंबे समय तक रोग के बने रहने से शरीर के अन्य अंगों पर भी उसका प्रकोप प्रकट हो सकता है। (रूमेटाइड आर्थराइटिस लक्षण घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज)
गाउट के लक्षण क्या हैं ? What are Symptoms of Gout?
पहली बार जब गाउट होता है, तो सत्तर प्रतिशत रोगियों में (gout symptoms) तकलीफ पैर के अंगूठे से शुरू होती है।
लेकिन कुछ में टखने, घुटने, पैर या हाथ की उँगलियों के जोड़ों से रोग शुरू होता है। अक्सर अचानक ही जोड़ दुखने लगता है और सूज जाते है।
जोड़ के ऊपर की त्वचा लाल हो जाती है, जलने लगती है। और उसके ऊपर की शिराएँ फूली हुई दिखती हैं।

दर्द इतना होता है कि चादर तक नहीं ओढ़ी जाती। बुखार भी हो सकता है।भूख मर जाती है और कुछ करने की हिम्मत नहीं रहती।
ठीक दवा दिए जाने पर बारह घंटे में आराम आना शुरू होता है, लेकिन दर्द को पूरी तरह काबू में आने में दो-तीन दिन का समय लग ही जाता है।
गाउट (Gout) का कारण क्या है?What is the cause of gout?
इस वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं। कुछ यूरिक एसिड हमें अपने भोजन से मिलता है।
खान–पान की कुछ खास–खास चीजों में प्यूरेन होता है जिसके टूटने से यूरिक एसिड बनता है।
लेकिन दो–तिहाई से अधिक यूरिक एसिड शरीर में प्राकृतिक रूप से बनता है। शरीर की अपनी कोशिकाओं की नियमित टूट–फूट से और अमोनिया से यह सदा निर्मित होता रहता है।
सामान्य रूप से शरीर इसे नियंत्रण में बाँधे रहता है। जितना यूरिक एसिड अतिरिक्त होता है, गुर्दे उसे मूत्र के रास्ते शरीर से बाहर फेंक देते हैं।
लेकिन कुछ लोगों में यह संतुलन बिगड़ जाता है, या तो गुर्दे यूरिक एसिड की सफाई नहीं कर पाते या शरीर उसे अधिक मात्रा में बनाने लगता है। दोनों में से कोई एक दोष हो तो खान–पान की चीजों में ग्रहण की गई प्यूरेन की मात्रा भी महत्त्वपूर्ण हो जाती है।
बढ़ा हुआ यूरिक एसिड ही गाउट पैदा करता है।
गाउट में क्या-क्या जाँच-परीक्षण उपयोगी साबित होते हैं ?Diagnosis of Uric Acid?
Serum Uric Acid
खून में यूरिक एसिड की मात्रा देखना सबसे पहला टेस्ट होता है।सामान्य रूप से यूरिक एसिड की मात्रा 100 मिलीलीटर रक्त में 2.0-7.0 मिलीग्राम के बीच में रहती है।
Serum Uric acid test on YouTube
Uric Acid 24 Hrs Urine
चौबीस घंटों तक मूत्र इकट्ठा कर उसमें यूरिक एसिड की मात्रा देखने से पता चल जाता है कि यूरिक एसिड शरीर में अधिक बन रहा है या गुर्दे उसकी सफाई में पीछे छूट रहे हैं। इससे दवा तय करने में सहायता मिलती है।
X-ray
इससे जोड़ की स्थिति पता चल सकती है। पुराने रोग में गाउट के दुष्परिवर्तन दिख सकते हैं। लेकिन ताजा मामलों में एक्स–रे बिलकुल सामान्य दिख सकता है।
गाउट (गठिया) किस उम्र का रोग है?Which age group affected by gout?
गाउट के अस्सी से नब्बे प्रतिशत मामले पुरुषों में होते हैं, जो 40 की उम्र पार कर चुके होते हैं। महिलाओं में यह रोग मासिक धर्म के स्थायी रूप से बंद हो जाने के बाद ही होता है।
क्या गाउट आनुवंशिक रोग है?Is Gout a genetic disease?
कई लोगों में गाउट आनुवंशिक होता है। ठीक से पता लगाने की कोशिश की जाए तो तीन–चौथाई मामलों में पहले भी परिवार में किसी को रोग रह चुका होता है।
रोग पैदा करने वाले दो विकार ऐसे हैं जो माँ की तरफ से ही आते हैं, पर कुछ माता या पिता किसी से भी आ सकते हैं।
गाउट किन लोगों को अधिक होता है?Which people have more Effected by gout?
मोटापा गाउट का पक्का साथी है। लगभग पचास प्रतिशत गाउट के मरीज मोटापा से जुड़े हुए होते हैं। जिन लोगों का वजन बीस की उम्र के बाद अचानक तेजी से बढ़ा होता है, उनमें रोग होने की आशंका बढ़ जाती है।
समाज के ऊँचे तबके और बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों में भी यह रोग अधिक होता है। मांसाहार, मदिरापान, उष्ण जलवायु भी अपने–अपने तरीके से रोग को बढ़ावा देते हैं।
गोश्त और मदिरा से यूरिक एसिड की मात्रा शरीर में बढ़ती है, और उष्ण जलवायु में रहने वालों में शरीर में पानी की कमी हो जाने पर यूरिक एसिड अघुलनशील अवस्था में आ जाता है।
यूरिक एसिड की रक्त में सामान्य सीमा क्या है ? What is Normal Uric Acid level?
सामान्य रूप से यूरिक एसिड की मात्रा 100 मिलीलीटर रक्त में 2.0-7.0 मिलीग्राम के बीच में रहती है। पुरुषों में यह स्त्रियों की तुलना में कुछ अधिक होती है, लेकिन मासिक धर्म के स्थायी रूप से बंद हो जाने के बाद स्त्रियो मे यूरिक एसिड का स्तर पुरुषों के स्तर के तरह ही बाद जाता है।

क्या यूरिक एसिड बड़ा होना गाउट है?Does high uric Acid level is Gout?
जिन लोगों में यूरिक एसिड बढ़ा होता है, उनमें से नौ प्रतिशत को ही गाउट होता है, 91 प्रतिशत स्वस्थ बने रहते हैं। मायने साफ हैं, जब तक यूरिक एसिड अघुलनशील अवस्था में नहीं आता कोई परेशानी नहीं होती।
गाउट का इलाज क्या है ? Treatment of Gout?
जोड़ों मे जिस समय सूजन होती है, इलाज इसे दूर करने पर ही केंद्रित होता है।
इसके लिए इंडोमेथासीन (इंडोकेप) और कोलचीसीन (गाउटनिल) सबसे प्रभावशाली दवाएँ हैं।
लेकिन दोनों ही दवाएँ पेट में जलन पैदा करती हैं और उनके कई पार्श्व प्रभाव (side Effect) हैं।
कोलचीसीन की तुलना में इंडोमेथासीन कम मुश्किलें पैदा करती है, इसीलिए डॉक्टर गाउट का दर्द दूर करने के लिए इंडोमेथासीन पर ही निर्भर करते हैं।
कुछ रोगियों को नेप्रोक्सना भी दिया जाता है। जिन मरीजों का दर्द और सूजन इन दवाओं से काबू में नहीं आता, उन्हें प्रेडनीस्लोन (वायस्लोन) जैसी कोई स्टीरॉयड दवा दी जाती है।
शुरू के दो-तीन या चार दिन इंडोमेथासीन काफी मात्रा में लेनी पड़ती है, पर आराम आ जाने के बाद इसकी खुराक कम कर दी जाती है। फिर भी इसे प्रायः सात से चौदह दिन तक लेना पड़ता है।
यूरिक एसिड को कम करने के लिए दवाएं?Medicine for Reduce Uric Acid?
जिन मरीजों को बार–बार गाउट की तकलीफ होती है, गुर्दे का रोग हो जाता है या गाउट होने के साथ सीरम यूरिक एसिड बहुत बढ़ा होता है।
उनका यूरिक एसिड कम करने के लिए नियमित रूप से ऐसी दवाएँ दी जा सकती हैं जो या तो यूरिक एसिड बनने की जैव–रासायनिक क्रिया को बीच में रोक लेती हैं या गुर्दो से यूरिक एसिड की निकासी बढ़ा देती हैं।
पहली किस्म की दवा एलोप्यूरीनोल है जो जायलोरिक के नाम से मिलती है।दूसरे वर्ग में प्रोबेंसीड (बेंसीड) है।
लेकिन दोनों में ही कुछ अप्रिय पार्श्व–प्रभाव (Side effect) हैं जिनके कारण इन्हें तभी आजमाया जाता है जब बिलकुल जरूरी समझा जाता है।
कई मरीजों को ये दवाएँ बहुत फायदा करती हैं, पर आराम बनाए रखने के लिए इन्हें ताउम्र लेना पड़ता है। इन्हें लेते रहने से यूरिक एसिड सामान्य सीमा में बना रहता है।
खाने के पदार्थ जो यूरिक एसिड बढ़ाते हैं?Foods that increase uric acid?
- गोश्त (मांस) : खासतौर से कलेजी, गुर्दे, दिमाग, पैंक्रियास का मांस; सूअर का मांस, गोमांस, बकरी का मांस या इनके अर्क
और यखनी।

- एंचोवी और सार्डीन मछलियाँ
- सेम, मटर, फूलगोभी और पालक 4. खंबी (मशरूम) 5. मसूर की दाल 6. लोबिया, राजमा, चना और साबूत दालें अतएव इन्हें कम-से-कम मात्रा में ही लेना चाहिए।
जीवन-शैली में क्या-क्या सुधार लाने की जरूरत होती है ?What needs to be improved in the lifestyle?
- रोग की दशा और इलाज पर निर्भर करता है। म लोग यूरिक एसिड घटाने की दवा ले रहे होते हैं, उन्हें खान–पान में रोक–टोक की विशेष जरूरत नहीं होती।
- लेकिन लगातार दवा न लेने वालों के लिए प्यूरेन–युक्त चीजों पर पाबंदी जरूरी होती है।
- यदि वजन अधिक हो तो उसे घटाने के लिए तली हर्ड वसा–युक्त चीजों, मिठाई, घी–मक्खन, शहद, जैम, चटनी, केक–पेस्टी. चाट–पकौड़ी और फास्ट फूड को नहीं खाना चाहिए।
- लेकिन वजन को अचानक तेजी से घटाने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए। हर हफ्ते आधा किलो वजन कम करते हुए ही मंजिल की ओर बढ़ना चाहिए।
- पानी अधिक मात्रा में पीना शुरू कर दें। जितना पानी पीते रहे हों, उसमें कम–से–कम पाँच–छह गिलास बढ़ा दें। इससे गुर्दो को शरीर से यूरिक एसिड बाहर फेंकने में आसानी होगी।
- मदिरा से किनारा कर लेना भी जरूरी है, यह प्रतिबंध हर तरह की शराब पर लागू होता है जिसमें बीयर भी शामिल है।
- उपवास, असाधारण शारीरिक मेहनत, यूरिक एसिड बढ़ाने वाली दवाओं से बचें। पैरों में ठीक नाप के जूते–चप्पल पहनें और चोट खाने से बचें।
- तंग जूते भी कभी–कभार गाउट की सूजन पैदा कर जाते हैं।