14,984 total views
टाइफ़ाइड बुखार का कारण, लक्षण और उपचार
- टाइफ़ाइड बुखार का कारण, लक्षण और उपचार
- Typhoid Fever in Hindi टाइफाइड बुखार क्या है?
- टाइफाइड बुखार के कारण – Causes of Typhoid Fever in Hindi
- टाइफाइड बुखार के लक्षण – Symptoms of Typhoid Fever in Hindi
- टाइफाइड बुखार का निदान – Typhoid Fever Diagnosis in Hindi
- टाइफाइड का इलाज के घरेलू उपाय और नुस्खे
- Typhoid Treatment in Hindi
- टाइफाइड बुखार का इलाज – Treatment for Typhoid Fever in Hindi
- इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन क्या है
- डेंगू बुखार के प्रकार, लक्षण टेस्ट और उपचार
- थायरोइड टेस्ट लक्षण कारण और उपचार
- हाइपोथायरायडिज्म के क्या-क्या लक्षण होते हैं?
- मलेरिया के लक्षण कारण इलाज दवा और उपचार
- Vitamin D के कम हो जाने से क्या-क्या प्रोब्लेम्स होती हैं ?
- निपाह वायरस के लिये कौन सा टेस्ट किया जाता है और इसकी कीमत कितनी है?
- यूरिन R/M टेस्ट किस लिए किया जाता है
- विटामिन डी की कमी को पूरा कैसे करें
- विटामिन बी-12 की कमी से क्या बीमारी हो जाती हैं
- पीलिया या हेपेटाइटिस “ए” के लक्षण, कारण, टेस्ट और उपचार
- विटामिन्स के नाम, प्रकार और फायदे
Typhoid Fever in Hindi टाइफाइड बुखार क्या है?
टाइफाइड बुखार एक गंभीर बीमारी है जो सालमोनेला टाइफी (Salmonella typhi) नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बीमारी दूषित भोजन एवं पानी के कारण होती है।
इलाज के अभाव में हर साल 10 से 30 प्रतिशत लोग इस बीमारी से मर जाते हैं। इस बीमारी से पीड़ित रोगी को आमतौर पर भूख नहीं लगती है, सिर दर्द बना रहता है और उसे सुस्ती महसूस होती है। इसके अलावा शरीर में लगातार दर्द और बुखार बना रहता है। मरीज के मल, पेशाब और खून की जांच के बाद शरीर में सालमोनेला बैक्टीरिया का निदान (diagnose) किया जाता है और इस बीमारी के इलाज के लिए एंटीबायोटिक दी जाती है।
टाइफाइड बुखार के कारण – Causes of Typhoid Fever in Hindi
Typhoid bukhar ka karan in Hindi दूषित पानी या भोजन का सेवन करने के बाद सालमोनेला बैक्टीरिया छोटी आंत पर धावा बोल देता है और अस्थायी रूप से खून (bloodstream) में प्रवेश कर जाता है। इसके बाद सफेद रक्त कोशिकाओं द्वारा यह बैक्टीरिया लिवर, प्लीहा और अस्थि मज्जा ( bone marrow) में चला जाता है। यह बैक्टीरिया इन अंगों की कोशिकाओं में अपनी संक्या बढ़ाता है और दोबारा से खून में प्रवेश करता है। इसके बाद मरीज में बुखार के लक्षण दिखायी देने लगते हैं। बैक्टीरिया पित्ताशय की थैली, पित्त प्रणाली (biliary system) और आंत की लसीका ऊतक पर आक्रमण करता है, यहां बैक्टीरिया तेजी से पनपता है। यह बैक्टीरिया आंत के रास्ते मल में चला जाता है। शुरुआत में मल सामान्य रहता है लेकिन कुछ दिनों बाद मल में खून आने लगता है और टाइफाइड गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है.
टाइफाइड बुखार के लक्षण – Symptoms of Typhoid Fever in Hindi
Typhoid Fever टाइफाइड होने का मुख्य लक्षण यह है कि व्यक्ति को 103 F-104 F से अधिक बुखार हो सकता है। बुखार कुछ दिनों तक बहुत हल्का रहता है लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे बढ़ने लगता है।
टाइफाइड के लक्षण (sign) इस प्रकार हैं-
- कम भूख लगना
- सिर दर्द होना
- शरीर में सामान्य दर्द, ऐंठन और पीड़ा
- सुस्ती
- 104 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक बुखार होना
- डायरिया
- पेट में दर्द होना
- हृदय गति धीमी होना
- कब्ज
Typhoid Fever होने पर कुछ लोगों को छाती में भी पीड़ा होती है और पेट में दर्द एवं परेशानी होना भी सामान्य होता है। टाइफाइड होने पर कुछ रोगियों के सीने और पेट पर दाने(rash) भी निकल आते हैं जो सपाट और गुलाबी रंग के दिखायी देते हैं।बुखार लगातार बना रहता है और मरीज की स्थिति में सुधार होने में 3 से 4 हफ्तों का समय लगता है। इसके अलावा कुछ मरीज एक से दो हफ्ते में ही बेहतर महसूस करने लगते हैं लेकिन उनमें टाइफाइड के ये लक्षण फिर से दिखायी देने लगते हैं।
टाइफाइड बुखार का निदान – Typhoid Fever Diagnosis in Hindi
- Typhidot Test : रोगी के रक्त का नमूना एक किट में डालकर जांच की जाती हैं। इसका परिणाम Positive आनेपर Typhoid बुखार का निदान किया जाता हैं। इसमें IgG और IgM antibodies देखे जाते हैं। IgM का positive आने का मतलब रोगी को अभी-अभी टाइफाइड हुआ है और IgG का positive आने का मतलब टाइफाइड पुराना हैं।
- Blood Culture : यह बिमारी के पहले हफ्ते में रक्त में Typhoid बुखार का बैक्टीरिया की मौजूदगी की जांच करने के लिए किया जाता हैं।
- Stool Culture : यह रोगी व्यक्ति के मल में Typhoid बुखार का बैक्टीरिया की मौजूदगी की जांच करने के लिए किया जाता हैं।
- WIDAL Test : इस जांच में रोगी व्यक्ति के रक्त की जांच की जाती हैं। इसमें O और H antigen में 180 से ज्यादा अनुपात आने पर Typhoid बुखार का निदान किया जाता हैं। भारत में ज्यादातर डॉक्टर यह जांच कराते है पर अब इस जांच का इतना महत्व नहीं रह गया हैं। एक बार टाइफाइड होने के बाद कई मरीजों में यह ठीक होने के बाद भी लम्बे समय तक False positive आ सकता हैं। टाइफाइड का निदान करने के लिए Typhidot जांच कराना बेहतर होता हैं।
टाइफाइड का इलाज के घरेलू उपाय और नुस्खे
Typhoid Treatment in Hindi
तुलसी से टाइफाइड के उपाय
- तुलसी और सूरजमुखी के पत्तों का रस पीने से भी टाइफाइड बुखार से राहत मिलती है।
- अदरक और तुलसी की चाय टायफाइड कम करने में फायदेमंद है। थोड़ी अदरक, तुलसी के पत्ते, दालचीनी और काली मिर्च को अच्छे से पानी में उबाल ले और इसमें मिश्री डाल कर सेवन करे।
- तुलसी की चाय सर्दी और जुकाम के इलाज में भी असरदार है।
- टाइफाइड फीवर के लिएलहसुन
लहसुन एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। तिलों के तेल या घी में 5 से 7 लहसुन की कलियाँ पीस कर तले और इसमें सेंधा नमक मिलाकर खाए। कैसा भी बुखार हो इस उपाय को करने से आराम मिलता है।
- पुदीना और अदरक
- अदरक का छोटा सा टुकड़ा और कुछ पत्ते पुदीने के पीस कर एक कप पानी में मिला कर एक घोल बना ले और दिन में दो बार इस घोल को पिए इससे बुखार कम होने लगेगा।
- थोड़ा अदरक का पेस्ट एक कप सेब के जूस में मिलाकर इसे पीने से भी बुखार में आराम मिलता है।
- प्याज का रस
प्याज का रस थोड़ी थोड़ी देर में पीने से भी बुखार उतरने लगता है। इस नुस्खे से क़ब्ज़ से भी छुटकारा मिलता है।
- शहद और केला
- एक पक्का हुआ केला पीस कर इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार खाए।
- पाचन क्रिया दरुस्त करने के लिए शहद 1 गिलास हल्के गर्म पानी में मिलाकर पिए।
टाइफाइड बुखार का इलाज – Treatment for Typhoid Fever in Hindi
Typhoid Fever टाइफाइड बुखार के इलाज के लिए मरीज को एंटीबायोटिक्स दी जाती है जो सालमोनेला बैक्टीरिया को मारने में बहुत प्रभावी होती है। एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल से पहले टाइफाइड बुखार से लगभग 20 प्रतिशत लोग मर जाते थे। संक्रमण, निमोनिया, आंत में ब्लीडिंग और आंत में छिद्र हो जाने के कारण लोगों की मृत्यु हो जाती थी। लेकिन टाइफाइड बुखार के मरीज को एंटीबायोटिक्स देने और उसके उचित देखभाल के बाद इस बीमारी से मरने वालों की संख्या अब 1 से 2 प्रतिशत ही रह गई है।
रोगी को सही तरीके से एंटीबायोटिक थेरेपी देने से उसकी हालत में एक से दो दिन के भीतर ही सुधार दिखने लगता है और वह 7 से 10 दिनों के भीतर ठीक हो जाता है। टाइफाइड बुखार के इलाज के लिए कई एंटीबायोटिक्स बहुत प्रभावी होती हैं। टाइफाइड बुखार ठीक करने के लिए क्लोराम्फेनिकोल (Chloramphenicol) दवा का इस्तेमाल बहुत सालों से किया जा रहा है क्योंकि इसका साइड इफेक्ट नहीं होता है। टाइफाइड के इलाज के लिए अलग-अलग तरह के एंटीबायोटिक्स मरीज को दिये जाते हैं। ज्यादातर जगहों पर टाइफाइड के मरीज को Ciprofloxacin ,Ceftriaxone, Ofloxacin, Cefixime आदि दवाएं दी जाती हैं।
2 thoughts on “टाइफाइड बुखार का कारण, लक्षण और उपचार”
Do you have any kind of pointers for creating short articles?
That’s where I always struggle and I simply wind up
gazing vacant display for long time.
Bohat a66a article hei. Please provide us this type more article.